टीम के काम
टीम में काम करने से काम कम हो जाता है और सफलता की संभावना अधिक। एक साथ आना शुरुआत है, एक साथ रहना उन्नति है, और एक साथ काम करना सफलता है। एकता शक्ति है |अधिक पढ़ें»
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संस्कार क्षम शिक्षा ही वास्तविक शिक्षा है। किन्तु वर्तमान शिक्षा में संस्कारों की उपेक्षा है। नैतिकता, सत्यनिष्ठा तथा आध्यात्मिकता से हीन शिक्षा के कारण अस्थिरता, अशान्ति, शोषण,उत्पीड़न तथा भ्रष्टाचार राष्ट्र की नियति बन गए हैं। यद्यपि अनेक क्षेत्रों में प्रगति हुई है जिससे राष्ट्र को सम्मान मिला है, किन्तु इस सुदीर्घ काल में जो विकास परिणाम अपेक्षित थे, वे नहीं आ सके। बालक हमारी आशा का केंद्र है।
शिक्षा और संस्कार हर बालक का जन्म सिद्ध अधिकार है। बालक के इसी अधिकार की अभिव्यक्ति हमारे पूर्वजों ने "माता गुरु:" इस बोध वाक्य से की थी अर्थात शिक्षा व संस्कार की व्यवस्था पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्व है।
वर्तमान सदी में शिक्षा मनुष्य जीवन के परिष्कार एवं विकास की प्रणाली है| जीवन के प्रत्येक अनुभव को शिक्षा कहा जा सकता है| वास्तव में समस्त मानव जीवन ही शिक्षा है और शिक्षा ही जीवन है| जो कुछ भी व्यवहार मनुष्य के ज्ञान की परिधि को विस्तृत करे, उसकी अर्न्तदृष्टि को गहरा करे|
निरन्तर अध्ययन - अध्यापन ही एक शिक्षक को सफल बना सकता है ! "प्रबन्धक"
सरस्वती ज्ञान मन्दिर शिक्षा संस्थान आजाद नगर कानपुर ने भारतीय सभ्यता संस्कृति शिक्षा एंव व्यवस्था नवीन पीढ़ी में हस्तांतरित होने का संकल्प लिया है |
और पढ़ें!घोषित यूपी से एक प्रतिष्ठित संस्थान मंडल.
सह-शिक्षा 6 से 12 वीं करने के लिए.
योग, खेल और कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य है
सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कॉलेज एक प्रख्यात विद्यालय की शाखा है जहाँ हमारे बच्चों को ज्ञान से सराबोर करके संस्कार युक्त बनाती है | हमे बहुत सारे प्रभावशाली बदलाव देखने को मिले जिससे हम और हमारा परिवार खुश है |
माता-पिताबच्चो के उज्जवल भविष्य के लिए ईमानदारी से कार्यरत सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कॉलेज शिक्षा के कई अवसर प्रदान करता है | विद्यालय में विभिन्न प्रकार के खेलो का आयोजन बच्चो के अंदर प्रतिस्पर्धा बढ़ाता है जिसके साथ-साथ विद्यार्थी मानसिक और शारीरिक विकास करता है |
माता-पिताविद्यालय द्वारा आयोजित प्रतिभा खोज परीक्षा अत्यन्त उन्नत किस्म की है। स्व० रामनरायन जी द्वारा स्थापित उच्च स्तरीय परम्परायें उनके पुत्रों द्वारा पोषित की जा रही है। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री, शिक्षक तथा छात्र भारतीय संस्कृति के जीवन्त उदाहरण हैं। मैं इन सबके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।
डॉ० मनोज मिश्रप्राचीन विद्यालय में अनुशासन और कार्यक्रम बड़े सुन्दर हुए सभी व्यवस्थित तथा नियमित रहा। विद्यालय प्रशंसा के पात्र है।विद्यालय की प्रगति के लिए शुभकामनाएं
श्रीरामनाथ जी सांसद राज्यसभाविद्यालय सचमुच में विद्या का मन्दिर है। यहाँ का वातावरण पुर्णरूपेण शिक्षा के अनुकूल है। मैं प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि यह विद्यालय उत्तरोत्तर प्रगति करे, यहाँ के छात्र देश तथा समाज के लिए लाभदायक हों।
स्वामी तन्महिमानन्द रामकृष्ण मिशन आश्रमसरस्वती ज्ञान मन्दिर में हनुमत शक्ति जागरण कार्यक्रम अत्यन्त सुव्यवस्थित सुसज्जित एवं विशिष्ट विधि से सम्पन्न हुआ पवित्र एवं भक्ति रस का अदभुत संगम अयोध्या एवं मथुरा की ओजस्विता का स्मरण कराया है। यह आयोजन विद्यालय की व्यवस्थित योजना का परिणाम है ईश्वर विद्यालय को यशष्विता प्रदान करें।
चन्द्रशेखर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघसरस्वती ज्ञान मन्दिर के पुरस्कार वितरण समारोह में सम्मिलित होना आज पुरानी स्कूली शिक्षा के पुराने दिनों की याद करने के अवसर की प्राप्ति के समान है।मेरी इस सफलता में इस विद्यालय तथा यहाँ के गुरुजनों का महती योगदान है। मैं इस शिक्षा के मन्दिर के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ
अखण्ड प्रताप सिंह IASआज विद्यालय द्वारा आयोजित फैंसी ड्रेस कॉम्पीटीशन में उपस्थित होने का अवसर मिला यह ज्ञात कर प्रसन्नता हुई कि विद्यालय में शिक्षण कार्य के अतिरिक्त छात्र / छात्राओं के सर्वांगीण विकास हेतु हर सम्भव प्रयास किये जा रहे है। मेरी हार्दिक शुभकामनायें।
रामशरण श्रीवास्तव IAS Retd.भारतीय परिवार परम्परा संस्कारों से युक्त शिक्षा प्रणाली द्वारा संचालित सरस्वती ज्ञान मन्दिर जैसे शिक्षा संस्थान यह प्रमाणित करते है कि मैकाले अपने कुत्सित प्रयासों में पुर्णतः सफल नहीं हो सका है। इसका एक प्रमाण चि० अरुण प्रताप सिंह हैं जिनका आज सम्मान किया जा रहा है।
सुनील मिश्र राष्ट्रीय मंत्री विज्ञान भारतीटीम में काम करने से काम कम हो जाता है और सफलता की संभावना अधिक। एक साथ आना शुरुआत है, एक साथ रहना उन्नति है, और एक साथ काम करना सफलता है। एकता शक्ति है |अधिक पढ़ें»
हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्पूर्ण चीज है। बिना अनुशासन के कोई भी एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकता है। कुछ नियमों और कायदों के साथ ये जीवन जीने का एक तरीका है। अधिक पढ़ें»
ग़लती करना हर जीव का स्वभाव है लेकिन उस गलती को न दोहराना असली मनुष्य का स्वभाव है |हम दूसरों के बारे में उनका व्यवहार देखकर और अपने बारे में हमारा इरादा देखकर निर्णय लेते हैं|अधिक पढ़ें»